Wednesday, May 4, 2011

मजदूरों के साथ किया गया गुलामो जैसा वर्ताव : मई दिवस से लौटे गोरखपुर के मजदूरों पर पूंजीपतियों ने चलवायीं गोलिया

१ मई (रविवार) को नई दिल्ली में जंतर मंतर पर मजदूर मान्ग्पत्रक आन्दोलन में सम्मिलित होने वाले गोरखपुर के मजदूर जब बापस अपनी फैक्टर्यिओं पर काम करने बापस पहुचे तो मालिक ने लगभग ३० मजदूरों को वर्खास्त कर दिया था . विरोध करने पर मालिक ने पहले से मौजूद गुंडों कि मदद से निर्दोष मजदूरों पर फाइरिंग करवा दी.
यह घटना गोरखपुर के बरगढ़ाबा में स्थित अंकुर उद्योग धागा फैक्टरी में हुई. फाइरिंग में २० मजदूर ज़ख़्मी हो गए जिसमे से २ कि हालत घम्भीर है .मजदूरों ने मिल मालिक अशोक जालन उसके बेटे अंकुर जालन सुपेर्वैसर विश्राम सिंह और गुंडे प्रदीप सिंह के खिलाफ नामजढ रिपोर्ट लिखवाई है .

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/uttarpradesh/4_1_7672932_1.html

किन्तु इतना सब होने के बाद भी प्रशाशन और पोलिसे पूरी तरह से मिल मालिक और गुंडों को ही बचने कि कोशिश में लगी रही. इतना ही नही उन्होंने मजदूरों के साथी प्रशांत , तपिश पर माओवादी होने का आरोप तक लगा दिया.
पोलिसे उल्टा मजदूरों को ही फ़साने कि कोशिश करती दिखी. ज्यादा द्हवाव बनाने पर उनोह्ने २० गुंडों को गिरफ्तार तो किया किन्तु बाद में शहर से बहार ले जाके छोड़ दिया.
विदित हो कि गोरखपुर में मिल मालिकों कि योगी आदित्यनाथ से अछि मिलीभगत है और आदित्यनाथ सुरुआत से ही मजदूरों के किलाफ व्यान्बाज़ी करता रहा है . ओराख्पुर में वैसे भी प्रशाशन योगी कि आगया के बिना कोई कदम नहीं उठाता .
मजदूरों ने इस घटना के किलाफ देशव्यापी प्रदर्शन करने का निश्चय किया है. इस घटना से देश के खोखले लोकतंत्र कि तस्वीर उजागर हो गयी है कि कैसे लोकतंत्र के दिखावे के नाम पर प्रशाशन और पूंजीपति मिलकर आम आदमी को लूटते हैं और विरोध करने पर घिनौना नंगा नाच करने से भी बाज़ नहीं आते.

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